अनुशासन का महत्व जानिए अपने जीवन को संवारिये

अनुशासन का महत्त्व

अनुशासन का अर्थ हम सरल भाषा में समझे तो अनुशासन का अर्थ है अपने दैनिक जीवन में प्रत्येक कार्य को नियमो अनुसार एवं निश्चित समय पर निश्चित कार्य को सही तरीके से करना ही अनुशासन कहलाता है अनुशासन सफलता का मूल मंत्र होता है जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में  सफल वही हो पाता है जो अनुशासन में रहता है! कहते है घर बच्चो की पहली पाठशाला होती है, जहा बच्चा घर के माहौल के अनुसार ही अपने आप को ढाल लेता है अत: बच्चो को अनुशासित बनाने के लिए माता- पिता को सबसे पहले खुद को अनुशासित करना चाहिए! अब जानते है जीवन में अनुशासन का महत्व कितना जरूरी है-

शिक्षा में अनुशासन का महत्व

अनुशासित विद्यार्थी स्कूल स्तर से ही स्काउट तथा एनसीसी ट्रेनिंग कैंप में भाग लेना शुरू कर देता है क्युकी इन शिविरों में अनुशासन का पाठ पढाया जाता है इसके अलावा  हमेशा समय पर सारे काम निबटाये भूल कर भी आज का काम कल पर ना छोड़े व्यर्थ में अपना समय बर्बाद ना करे  क्योकि खाली दिमाग शैतान का घर होता है अत: अपने आप को हमेशा सकारात्मक कार्यो में व्यस्त रखे

इसके अलावा खेलकूद तथा मनोरंजन के लिए भी पर्याप्त समय दे इस का भी व्यक्तित्व विकास में खास योगदान होता है दुसरो को उपदेश देने के बजाये स्वयं सब के समक्ष अनुशासन की मिसाल कायम करे फिर देखे की लोग खुद ब खुद आप का अनुसरण करने लगेंगे!

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व

विद्यार्थियों के सामने आज सबसे बड़ी समस्या यह है की वह या तो काम समय से पहले ही कर देंगा या समय के बाद करेंगा दोनों ही स्थितिया गलत है स्कूल कॉलेज में हमेशा देर से पहुचना, क्लासे अटेंड न करना व क्लास में शोर करना अब छात्र- छात्राओं की एक आदत सी बनती जा रही है  शिक्षको का आदर न करना व अपने कार्य के प्रति गम्भीर न रहना, विद्यार्थियों के लिए आम बात  हो गयी है!

खासकर युवतियों में यह भावना युवको की तुलना में ज्यादा देखने को मिलती है टोके जाने पर वे अक्सर कोई ना कोई बहाना बना कर बात को टाल जाती है खासकर क्लास छोड़ कर ग्रुप में बैठ कर गप्पे लड़ाने, पिकचरे देखने, डेटिंग करने को वे अपना जन्मसिद्ध  अधिकार समझने लगी है

ऑफिस में काम के वक़्त फ़ोन पर चिपके रहना, चाय की चुसकिया लेना या अपनी सिट छोड़ कर दुसरो के पास जा कर गप्पे लडाना आज आम बात हो गयी है ऐसा भी नहीं है की सभी ऐसी होती है आज देश में ऐसी युवतियों की भी कमी नहीं है, जो अनुशासन के बल पर निरंतर सफलता की बुलंदिया छू रही है!

अनुशासनहीनता के दुष्परिणाम –

आज युवावर्ग के साथ भी सबसे बड़ी समस्या यही है अनुशासनहीनता के कारण उस में आत्मविश्वास नहीं आ पाता और वह दिन-प्रतिदिन सफलता से दूर होता जा रहा है आज सफलता के लिए आत्मविश्वास का होना अति आवश्यक है और आत्मविश्वास की प्राप्ति के लिए अनुशासन का योगदान महत्वपूर्ण है आज युवा अनुशासनहीनता के कारण ही अपने मन पर काबू नहीं कर पाते है इसलिए वे किसी भी कार्य के प्रति गम्भीर नहीं हो पाते है अनुशासनहीनता के बढती प्रवृति के कारण आज युवावर्ग पथभ्रष्ट होता जा रहा है!

अनुशासन में रहने के लिए क्या करे

आखिर यह प्रश्न उठाना स्वाभाविक है की अनुशासित होने के लिए क्या किया जाये उल्लेखनीय  है की मनुष्य एक विवेकशील प्राणी है प्रकृति प्रदत्त अनेक गुणों से भरा हुआ होने के साथ-साथ वह अपनी क्षमता से अधिक गुण अर्जित कर लेता है परंतु कभी-कभी अर्जित सरे गुणों की तुलना में उसका एक अवगुण उस पर हावी हो जाता है

परिणामस्वरूप उसके सरे कियेकाराए  पर पानी फिर जाता है इसलिए आपको अनुशासन में रहने के लिए इस बात का ध्यान रखना चाहिए की आप सदा अपने गुणों का अधिक से अधिक विकास करे, परन्तु अवगुणों पर भी अंकुश रखे !

यह भी पढ़े- अनुशासन में कैसे रहे? खुद को अनुशासित कैसे करे 

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